युवाओं में होने वाला सामान्य गुप्त समस्या धात सिंड्रोम के बारे में:
धात सिंड्रोम एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जिसमें वीर्य की कमी के बारे में अत्यधिक चिंता होती है, जिसके साथ अक्सर चिंता, तनाव और गुप्त व यौन रोग भी होते हैं। यह मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के पुरुषों में ज्यादातर देखा जाता है। पश्चिमी चिकित्सा में इस गुप्त व यौन समस्या का कोई सटीक कारण नहीं पाया गया है। हमारी पारंपरिक उपचार व चिकित्सा पद्धति – आयुर्वेद में, लक्षणों के आधार पर पुरुषो में होने वाले सामान्य गुप्त व यौन समस्या धात सिंड्रोम (धातु रोग) का इलाज किया जाता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे, जो पटना में सर्वश्रेष्ठ क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में एक लम्बे समय से कार्यरत हैं, कहते हैं कि धात सिंड्रोम पारंपरिक भारतीय सांस्कृतिक मान्यताओं में निहित एक गुप्त व यौन समस्या है, जहाँ वीर्य को शक्ति, पौरुष और आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ा शरीर का महत्वपूर्ण तरल पदार्थ माना जाता है। अत्यधिक वीर्य की कमी शारीरिक और मानसिक गिरावट व पतन का कारण बनती है। इसलिए; शरीर में वीर्य की कमी हमेशा स्वस्थ शरीर के लिए एक दोष होता है।
उनका कहना है कि धातु रोग युवाओं में होने वाली सबसे आम गुप्त व यौन समस्या है, क्योंकि इस समय शरीर में कई बदलाव होते हैं। सबसे पहले, हम पुरुषों में इस धात सिंड्रोम से जुड़े कुछ कारण को जानेंगे और उसके बाद, हम लक्षणों और उपचार के बारे में जानेंगे और कैसे कोई व्यक्ति अपनी धातु रोग की समस्या में लगातार सुधार कर सकता है।
धात सिंड्रोम से जुड़े कुछ सामान्य कारण:-
- संस्कृति और सामाजिक कारक (पारंपरिक भारतीय मूल्य)
- वीर्य उत्पादन और हानि के बारे में लोगो के बीच गलत धारणाएँ
- यौन शिक्षा और संचार की कमी व अज्ञानता
- चिंता, तनाव और अवसाद व मानसिक परेशानी
- पिछले या अतीत का दर्दनाक अनुभव
- रिश्ते की समस्याएँ और संघर्ष का मामला
- चिकित्सा स्थितियाँ जैसे कि पीई और ईडी
हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो कि बिहार में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान केबहुत बड़े विशेषज्ञ हैं। अपने सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान पेशे में, उन्होंने विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन विकारों जैसे कि शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, स्वप्नदोष, कामेच्छा में कमी, धातु रोग, और महिला यौन समस्याओं पर शोध किया है। वास्तव में, उनका शोध उनके दैनिक अभ्यास, अनुभव, अध्ययन, उपचार, रोगियों के व्यवहार और सर्वेक्षण पर आधारित था जो आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार में सफल रहा है।
धात सिंड्रोम के लक्षणों के बारे में वे बताते है कि –
- वीर्य की कमी (दिन-रात वीर्यपात) की अत्यधिक चिंता।
- कमज़ोर, नपुंसक या बांझ होने का डर।
- चिंता, तनाव और अवसाद की स्थिति।
- अवसाद, चिड़चिड़ापन या मूड में उतार-चढ़ाव।
- नींद में गड़बड़ी या नींद की खराब गुणवत्ता।
- सिरदर्द, चक्कर आना या अन्य शारीरिक शिकायतें।
- अपराधबोध, शर्म या खुद को दोषी मानना।
वे कहते हैं कि धातु रोग की स्थिति में व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और वैवाहिक वातावरण में संघर्ष की स्थिति का सामना करना पड़ता है। उसे अपने यौन जीवन में निम्नलिखित चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, जो निम्नलिखित है: –
- कलंक और सांस्कृतिक निषेध की स्थिति का सामना।
- जागरूकता और समझ की कमी का बोध।
- समस्या के लिए मदद लेने में कठिनाई की स्थिति।
- सहवर्ती मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ का होना।
- रिश्तों और दैनिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव का होना।
धातु रोग के निदान मानदंड को समझें:-
- 6 महीने से अधिक समय तक वीर्य की हानि के बारे में अत्यधिक चिंता।
- इस गुप्त व यौन समस्या के कारण महत्वपूर्ण संकट या हानि।
- किसी अन्य मानसिक विकार के कारण नहीं अपितु धातु रोग के कारण।
धातु रोग के लिए उचित मार्गदर्शन, सहायता और उपचार के तहत यह इलाज योग्य स्थिति है। पीड़ित व्यक्ति वीर्य की हानि से जुड़ी अत्यधिक चिंता को दूर कर सकता है और अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
दुबे क्लिनिक में आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार: –
डॉ. सुनील दुबे बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति धातु रोग से पीड़ित है, तो उसे किसी अनुभवी यौन स्वास्थ्य सेवा पेशेवर मदद लेनी चाहिए। माता-पिता और अभिभावकों के साथ अपनी समस्याओं को संयमतापूर्वक साझा करनी चाहिए। सांस्कृतिक गलतफहमियों को दूर करना और विश्राम तकनीकों का अभ्यास करना। अपने यौन ज्ञान और शिक्षा में सुधार करना और शुभचिंतकों के साथ खुले संवाद को बढ़ावा देना, पीड़ित व्यक्ति का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए।
दुबे क्लिनिक भारत का एक प्रमाणित और गुणवत्ता-सिद्ध आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो पटना के लंगर टोली, चौराहा में स्थित है। पूरे भारत से विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगी विशेष रूप से डॉ. सुनील दुबे से परामर्श करने के लिए पटना आते हैं। वह उन सभी को उनकी समस्याओं के वास्तविक कारणों का पता लगाने में मदद करते हैं और फिर आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार प्रदान करते हैं।
अपने उपचार में, वह पूर्ण आयुर्वेदिक उपचार, दवा, परामर्श और गैर-चिकित्सा उपचार (स्वास्थ्य सम्बन्धी) प्रदान करते हैं। सबसे पहले, वह गुप्त व यौन समस्याओं के वास्तविक कारणों का पता लगाकर उनके लिए मनोवैज्ञानक उपचार जैसे कि संज्ञानात्मक-व्यवहार चिकित्सा (सीबीटी), साइकोडायनामिक थेरेपी, माइंडफुलनेस-आधारित थेरेपी, युगल चिकित्सा, विश्राम तकनीक (गहरी साँस लेना और प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम), तनाव प्रबंधन तकनीक और स्व-सहायता रणनीतियों (आत्म-प्रतिबिंब और सुधार) का उपयोग करके उनका इलाज करते है।
बिना किसी झिझक के, अपने माता-पिता या शुभचिंतकों के साथ अपनी गुप्त व यौन समस्या को साझा करें और दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लें। हर दिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक अपॉइंटमेंट फोन पर उपलब्ध हैं। पुरे भारत से करीबन सौ से अधिक लोग अपनी गुप्त व यौन समस्याओं को हल करने के लिए हर दिन इस क्लिनिक से फ़ोन पर संपर्क करते हैं। आयुर्वेद के संरक्षण में स्वस्थ यौन जीवन जियें जो आपके गुप्त व यौन समस्या के साथ-साथ आपके समग्र स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाता है।
और अधिक जानकारी के लिए: –
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04