पुरुषों में होने वाले एज़ोस्पर्मिया (अशुक्राणुता) स्खलन विकार के बारे: –
“एज़ोस्पर्मिया” एज़ोस और स्पर्मिया से मिलकर बना शब्द है। यह ग्रीक शब्दों “एज़ोस” से आया है जिसका अर्थ होता है “बिना बीज” और “स्पर्मिया” का अर्थ है “बीज” या “शुक्राणु”। यह एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु की अनुपस्थिति होती है। इसके परिणामस्वरूप पुरुषों में बांझपन, भावनात्मक संकट, रिश्ते की समस्याएं और आत्मसम्मान में कमी जैसी अन्य समस्याएं होती हैं। इस स्थिति में, व्यक्ति हीनभावना से भी ग्रसित हो सकता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी मेडिसिन शोधकर्ता डॉ. सुनील दुबे, जो कि पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी हैं, कहते हैं कि एज़ोस्पर्मिया अंतर्निहित कारणों के आधार पर संभवतः इलाज योग्य गुप्त व यौन समस्या है; आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार में इसका इलाज पूर्ण रूपेण संभव है और कोई व्यक्ति अपनी प्रजनन प्रणाली में सुधार कर सकता है। सेक्सोलोजी मेडिकल साइंस के अनुसार, पुरुषों में इस यौन समस्या की प्रकृति के आधार पर, इसे दो भागों में विभाजित किया गया है।
- ऑब्सट्रक्टिव एज़ोस्पर्मिया (OA): रुकावट स्खलन के दौरान शुक्राणु को निकलने से रोकती है।
- नॉन–ऑब्सट्रक्टिव एज़ोस्पर्मिया (NOA): पुरुषों को शुक्राणु उत्पादन में समस्या होती है।
पुरुषों में होने वाले एज़ोस्पर्मिया के सामान्य कारण:
वैसे तो पुरुषों में एज़ोस्पर्मिया यौन समस्याओं के कई कारण होते हैं। आइए इस यौन समस्या और चिकित्सा स्थिति के कुछ सामान्य कारणों को जानते है –
- हार्मोन का असंतुलित होना।
- अंडकोष की क्षति या विफलता का होना।
- एपिडीडिमल या वासल अवरोध का होना।
- संक्रमण (एपिडीडिमाइटिस, ऑर्काइटिस)
- आनुवंशिक विकार (क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम)
- कैंसर थेरेपी (कीमोथेरेपी और विकिरण)
- आघात या सर्जरी का होना।
पुरुषों में एज़ोस्पर्मिया (अशुक्राणुता) के लक्षण:
डॉ. सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट, बताते हैं कि आमतौर पर यह यौन समस्या पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु की अनुपस्थिति से जुड़ी होती है। इस यौन समस्या के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-
- पुरुष में बांझपन की स्थिति।
- वीर्य में शुक्राणुओं की अनुपस्थिति।
- सामान्य या कम वीर्य की मात्रा।
- दर्दनाक स्खलन का अनुभव।
एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया से भ्रमित न हों-
उनका कहना है कि ज़्यादातर लोग एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया की यौन समस्याओं को एक समझते है तो कुछ लोगो के बीच भ्रम होता हैं। दरअसल, दोनों गुप्त व यौन समस्याएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, लेकिन दोनों के अलग-अलग मेडिकल स्थितियां हैं। दोनों की समानताएं यह है कि यह पुरुष में बांझपन को बढाती करती हैं और दोनों में पुरुषों में वीर्य या शुक्राणु से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।
एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया के बीच वास्तविक अंतर: –
- एस्पर्मिया स्खलन के दौरान वीर्य की अनुपस्थिति का कारक है जबकि एज़ोस्पर्मिया वीर्य में शुक्राणु की अनुपस्थिति का कारक है।
- एस्पर्मिया अक्सर रुकावट, हार्मोनल असंतुलन या तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण होता है जबकि एज़ोस्पर्मिया वृषण विफलता, रुकावट या आनुवंशिक विकार के कारण हो सकता है।
- एस्पर्मिया वीर्य की अनुपस्थिति या इसकी मात्रा बहुत कम है जबकि एज़ोस्पर्मिया वीर्य की सामान्य मात्रा है लेकिन शुक्राणु नहीं हैं।
- एस्पर्मिया अंतर्निहित कारणों (सर्जरी, हार्मोन) को संबोधित करने पर केंद्रित है जबकि एज़ोस्पर्मिया में सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) शामिल हो सकती है।
डॉ. सुनील दुबे यह भी कहते हैं कि अगर हम एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया के बीच संबंधों के बारे में बात करते हैं, तो हम पाते हैं कि –
- एस्पर्मिया एज़ोस्पर्मिया का कारण बन सकता है यदि अंतर्निहित कारण शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित करता है।
- वीर्य उत्पादन में कमी होने पर एज़ोस्पर्मिया एस्पर्मिया का एक उपसमूह हो सकता है।
एज़ोस्पर्मिया (अशुक्राणुता) का निदान और आयुर्वेदिक उपचार:
अशुक्राणुता (एज़ोस्पर्मिया) निदान प्रक्रिया में वीर्य विश्लेषण, हार्मोन स्तर परीक्षण, शारीरिक परीक्षण, अल्ट्रासाउंड या एमआरआई, या आनुवंशिक परीक्षण शामिल हैं। डॉ. सुनील दुबे आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगों के लिए कई आयुर्वेदिक उपचार और दवाइयाँ की सफलतापूर्वक खोज की हैं। उनका कहना है कि आयुर्वेद सभी दवाओं का आधार है और इस पारंपरिक चिकित्सा की खासियत यह है कि इसका शरीर या किसी भी कार्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। कोई भी मरीज अपने यौन स्वास्थ्य में बेहतरी के लिए इस चिकित्सा-उपचार का उपयोग कर सकता है।
अपने आयुर्वेदिक उपचार में, वे एज़ोस्पर्मिया के मरीजों को हार्मोनल थेरेपी, जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रसायन, प्रभावी भस्म, प्राकृतिक गोलियाँ, तेल और घरेलू उपचार प्रदान करते हैं। ये सभी आयुर्वेदिक दवाइयाँ गुप्त व यौन रोगियों के लिए रामबाण होती हैं और उपचार के एक निश्चित कोर्स के बाद, वे अपने यौन स्वास्थ्य में बेहतर महसूस करते हैं और उनकी समस्याएँ ठीक हो जाती हैं। अपने सेक्सोलॉजी मेडिसिन करियर में, उन्होंने अब तक 4.57 लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। हर दिन पूरे भारत से सौ से अधिक लोग डॉ. सुनील दुबे से परामर्श करने के लिए दुबे क्लिनिक से फ़ोन पर संपर्क करते हैं। वह इस क्लिनिक में हर दिन औसतन तीस से पैंतीस गुप्त व यौन रोगियों का इलाज करते हैं।
यदि आप एज़ोस्पर्मिया या किसी अन्य गुप्त व यौन समस्या के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो दुबे क्लिनिक से अपॉइंटमेंट लें। स्थानीय और बाहरी दोनों तरह के मरीज़ अपनी अपॉइंटमेंट लेने के बाद दुबे क्लिनिक से जुड़ सकते हैं। अपॉइंटमेंट फ़ोन पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक उपलब्ध है। यह क्लिनिक पूरे भारत के लोगो को अपना आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार की सुविधा प्रदान करता है। वास्तविक व अनुभवी आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करे और सुरक्षित उपचार पाए।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04